छा गया Author Gurmeet Singh Created September 10, 2014November 14, 2016 Updated November 14, 2016September 10, 2014 Comments 0 Reading time Less 1 min Views 35 Categories: अन्य, मुक्तक ये ठोकरों की महरबानी है जो मुझे चलना आ गयादिल का कसूर हैं जो मुझे हर नया शख्स भा गयाआप सभी का हार्दिक आभार अदा करता है गुनीआपके के साथ से गुनी लोगो के दिलो में छा गया #गुनी …!
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