निवाला देखता हूँ

आज दिलो में अँधेरा और चेहरे पर उजाला देखता हूँ
भीड़ में प्यार मौहब्बत का निकला दिवाला देखता हूँ
अगर एक गरीब ही बनकर कहूं मैं गरीब की भाषा में
तब बस सपने में भी एक वक़्त का निवाला देखता हूँ

#गुनी…

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