खुश हूँ मगर फिर वही डर
अब किसी प्याले का नशा नहीं होता, ऐ साकी तूने जाम इतने पिला दिए
अब तो अँधेरे की आदत हो गयी थी , तूने एक बार फिर दीपक जला दिए….
#गुनी ….
मेरी अपनी कहानी
अब किसी प्याले का नशा नहीं होता, ऐ साकी तूने जाम इतने पिला दिए
अब तो अँधेरे की आदत हो गयी थी , तूने एक बार फिर दीपक जला दिए….
#गुनी ….
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