चुप रहना छोड़ दे Author Gurmeet Singh Created June 18, 2015November 14, 2016 Updated November 14, 2016June 18, 2015 Comments 0 Reading time Less 1 min Views 34 Categories: अन्य, मुक्तक सुप्रभात घाव को नासूर न बना दर्द को चुपचाप सहना छोड़ देवायदो के किले ढेर होते हों तो अपना कहना छोड़ देऔर चल मेरे लिए नहीं मुस्कुराती तो ना मुस्कुरा अबमगर अपने अपनो की खातिर, चुप रहना तो छोड़ दे #गुनी…
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