Month: July 2017

आज भंवर लगता है, कल तक जो किनारा लगता था

आज भंवर लगता है, जो कल तक किनारा लगता था बताओ क्यों दुश्मन लग रहा जो कल प्यारा लगता था पहर बटे, दिन बटे और हो रिश्ते का भी बंटवारा गया कल तक तो...

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मैं खुद को खुद ही से बचाता गया

मैं खुद को खुद ही से बचाता गया वो मेरा था ही नहीं, जिसे अपना बताता गया टूटे सपने, कि टूटा ये मन जो मेरा जब से टूटा है दिल, मैं खुद लड़खड़ाता गया ...

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