Month: February 2017

तुम्हारा मकान तो नहीं

​महोतरमा, ये हमारे सीने में तुम्हारा मकान तो नहीं परायी अमानत के साथ जीना भी आसान तो नहीं देख लिया करते थे, हर हिस्सा तुम्हारी दुनिया का संभलकर...

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नजर मिल गयी

​एक दफा हमारी, उनसे कहीं नजर मिल गयी यूँ मानिये हमें सारे जहां की खबर मिल गयी मियां,....हम सारे जहां में तलाश किया उन्हें वो ख्वाब आकर हमें,......

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मेरी हीर है तू

रोज ख्वाब में आती है वही तस्वीर है तू अच्छी बुरी जो भी हो मेरी तकदीर है तू मौहब्बत क्या बताऊँ खुद लिखकर तुझे यकीनन मैं तेरा रांझा और मेरी हीर है...

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