Month: January 2017

रविवार है ना

​एक साप्ताहिक रचना.... :P ये जो साप्ताहिक रविवार है ना इससे तुम्हें बड़ा ही प्यार है ना कम्बख्त सोमवार गुस्ताख़ है ये तुम्हारा भी गुनाहगार है ना...

Read more

दिल की खबर है

​इस दिल को किसी दिल की खबर है मियां उस दिल में इस दिल का घर है सूरत नहीं देखी तस्वीर बड़ी मैली थी दरअसल मालूम है , वो दिल जबर है #गुनी...

Read more

अपने किरदार में हूँ

​फिर वही तारीख वही रात मैं फिर से इंतजार में हूँ तू ही बदल गयी, मैं आज भी अपने किरदार में हूँ अब तो पूरा एक साल हो गया है पुरानी बातों को मगर देख...

Read more

कवि का प्रेम पत्र

​एक कवि जब प्रेम पत्र लिखने की कोशिश करता है... एक दफा मेरी मौहब्बत का तू ऐतबार कर ज्यादा ना सही मुझे थोड़ा सा ही प्यार कर क्या फर्क पड़ता है दस्तूर...

Read more