तुझे मांग लूँ मैं, जो खुदा से मुलाक़ात हो जाए ख़ामोशी भी मंजूर है , जो तुझसे बात हो जाए यकीनन ये मौहब्बत मुकाम को हासिल करेगी जो एक दफा इश्क की कोई...
Month: December 2016
लहरों से जीत आया हूँ
रात भर सोया नहीं , मैं रात के अंधेरो से जीत आया हूँ चाँद के ढलने से पहले जागकर सवेरो से जीत आया हूँ कागज की हैं कस्तियां मेरी , मगर डुबाना आसान...
मुजस्सिमा हो गया हूँ
जब से गयी हो मैं मुजस्सिमा हो गया हूँ पग पग पर ठहर जाने को मन करता है #गुनी...
खत नामंजूर हुआ है
भला ऐसा हुआ है कभी लहरें समन्दर से नाता तोड़ लें यकीनन मेरी सिफारिशों का कोई खत नामंजूर हुआ है #गुनी...
मेरे बारे में ख्याल क्या है
ख्वाब से निकलकर पूछ लो मेरा हाल क्या है कभी दिल को पढ़कर देख लो सवाल क्या है लोगो का कहना है मुझे मौहब्बत नहीं आती तुम ही बता दो अब मेरे बारे में...
गुनी का कहाँ कोई कसूर रखा है
कम्बख्त ने खुद को बड़ा मशहूर रखा है कल जो था आज भी वही ग़ुरूर रखा है रास्तो को बदलना बड़ा आसान था वैसे उसकी यादो ने बना कर मजबूर रखा है जब भी देखता...
असल किरदार में आ
वाकई खबर है तो आ, किसी अखबार में आ झूठा नकाब उतार कर असल किरदार में आ #गुनी...
हैरान न होईये
गुनी फिर से हाज़िर है खिदमत में जनाब हैरान न होईये आज मौहब्बत पर कर ली जाये गुफ़्तुगू परेशान न होईये #गुनी...