एक दफा हमारी, उनसे कहीं नजर मिल गयी यूँ मानिये हमें सारे जहां की खबर मिल गयी जब निकलता है गुनी चाँद के साथ अकसर लोग पूछ लेते हैं ये चांदनी किधर...
Month: November 2016
नजर मिल गयी
एक दफा हमारी, उनसे कहीं नजर मिल गयी यूँ मानिये हमें सारे जहां की खबर मिल गयी #गुनी...
उम्मीद वफ़ा की
जमाने से मैं उम्मीद लगाकर बैठा था वफ़ा की आज किसी तूफां को बड़े नजदीक से देखा है #गुनी...
ख्वाब रह गया
छिप गया चाँद देखो चेहरे पर सिर्फ नकाब रह गया रात भर देखा था अधूरा ही मेरा वो ख्वाब रह गया #गुनी...
कहाँ किसी ने रोका है
आकाश के परिंदों की उड़ान को कहाँ किसी ने रोका है और ऊंचा उठो तुम, आसमाँ को कहाँ किसी ने रोका है #गुनी...
जिस्म बेकार में है
तुझे ख्याल भी है इस बात का, गुनी कबसे तेरे इंतजार में हैं दिल तेरा हुआ, रूह छोड़ गयी अब तो ये जिस्म बेकार में है #गुनी...
अजान की जरूरत क्या है
सफर लम्बा हो तो रास्तो...
तेरी मौजूदगी इनायत हो गयी
मेरी जिंदगी के इस नायाब...
किताबो में लिखा है,
गुनहगार को मौत तक , आसानी...