Month: November 2016

नजर मिल गयी

​एक दफा हमारी, उनसे कहीं नजर मिल गयी यूँ मानिये हमें सारे जहां की खबर मिल गयी जब निकलता है गुनी चाँद के साथ अकसर लोग पूछ लेते हैं ये चांदनी किधर...

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नजर मिल गयी

एक दफा हमारी, उनसे कहीं नजर मिल गयी यूँ मानिये हमें सारे जहां की खबर मिल गयी #गुनी...

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ख्वाब रह गया

छिप गया चाँद देखो चेहरे पर सिर्फ नकाब रह गया रात भर देखा था अधूरा ही मेरा वो ख्वाब रह गया #गुनी...

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कहाँ किसी ने रोका है

आकाश के परिंदों की उड़ान को कहाँ किसी ने रोका है और ऊंचा उठो तुम, आसमाँ को कहाँ किसी ने रोका है #गुनी...

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