लो भैया हाज़िर है ये अदना...
Month: October 2016
हर्ज ही क्या है
दिल की बात बताने में, हर्ज...
चिराग जलाया तो होता
खुदा से मुलाकात की...
हर्ज ही क्या है
दिल को दिल की बात बताने...
मौहब्बत करना गुनाह था
चलो मान लिया मौहब्बत...
जीत मुबारक हो
जल गया रावण
सोचता हूँ देखकर पुतले को...
वही मेरी नजर में है
जाने कब से मेरा दिल तेरे...