एक दफा तु जरा हंसकर बात...
Month: May 2016
कोई लिबास नहीं रखता
टूटा हुआ है दिल हर किसी पर...
कसूर तस्वीरों का है ही नहीं
कसूर तस्वीरों का है ही...
कोई शरारत कर रहा हूँ मैं
सुप्रभात पहली मुलाकात...
कौन अपना, और कौन पराया
छोले मिलते देखें होंगे...
थोड़ा तो सुकून है
आजकल मेरा दिल लगने लगा...
जहन में हमारी तस्वीर, सजाइये तो सही
लीजिये भैया फिर से आये...
सुनो मगर ये मत सोचना कि कोई नज्म है
मन के इधर उधर के ख्याल .......
शुरू से ही खोया रहता हूँ मैं, तेरे जज्बात में
भैया बस मन में आया तो लिख...
हंसकर जीत लेता है सारे मुकाम
हंसकर जीत लेता है मुकाम...