एक बार फिर भावनाओ में...
Year: 2015
चुप रहना छोड़ दे
सुप्रभातघाव को नासूर न...
सिद्दत से मांगा हो
सुप्रभातकिस्मत के...
Posted In Pune
देख मिल गया, खुला आसमाँ भी...
मेरे दोस्तो की दुआओ का...
Systems Engineer
आज प्रशिक्षण का आखिरी...
वरदान समझता हूँ
शुभ संध्या...., पुराने अंदाज...
मैं कल भी जिया और आज भी जी...
बीबी मेरी…
बीबी मेरी बेलन लेके पीछे...
आईये घर बनाएं…
आओ कसमे खाएं अपनी...