Year: 2015

माँ रखती थी कितना ख्याल

सभी को प्रणाम....यात्रा आनंदमयी है सुखद है आज सुबह जब आँख खुली तो क्या देखा मुक्तक से बताने की कोशिश ... अच्छा लगे तो बालक को आशीर्वाद देंजो आँखें...

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भारत का सुंदर आज लिखूं

नमस्कार एक छोटी सी कोशिश आपके अनुज कीचाहे गद्य लिखूं, चाहे पद्य लिखूं, मौला शक्ति देना इतनी शेरो की आवाज लिखूंचाहे रोके दुनियाँ सारी भी मिलकर मुझको...

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