Month: February 2015

माँ रखती थी कितना ख्याल

सभी को प्रणाम....यात्रा आनंदमयी है सुखद है आज सुबह जब आँख खुली तो क्या देखा मुक्तक से बताने की कोशिश ... अच्छा लगे तो बालक को आशीर्वाद देंजो आँखें...

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भारत का सुंदर आज लिखूं

नमस्कार एक छोटी सी कोशिश आपके अनुज कीचाहे गद्य लिखूं, चाहे पद्य लिखूं, मौला शक्ति देना इतनी शेरो की आवाज लिखूंचाहे रोके दुनियाँ सारी भी मिलकर मुझको...

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तोड़ते नजर आए

मेरे गिरने पर, वो हमें खुद से और खुद को हमसे तोड़ते नजर आएबड़ते कद को देख हमें खुद से और खुद को हमसे जोड़ते नजर आए‪#‎गुनी‬...

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मैं कौन तुम्हारी लगती हूँ

फिर से ये बालक एक कोशिश आप सभी के सम्मुख रखता हैप्रेम है तेरे मीठे शब्दों से , तुम बोली गुस्से से क्या तुम्हे मुरारी लगती हूँहमें आदत है तेरे तानो...

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