वो निकली है यहीं कहीं से...
Month: October 2014
मुझे सिर्फ इतना फ़िक्र है
तू फिर आएगी दिल तोड़कर,...
आँखों में पानी देता है
वक़्त से खबरदार ये वक़्त...
भारत माँ के गुलाम बन जाना
राजनीती का शौक चढ़ जाए कभी...
नयी कहानी हो गई
वो मिलने आती थी चांदनी...
धड़कन भी तेरी है
क्या शक्ल, क्या सूरत, दिल...
आजाद हैं ये बबाल होना चाहिए
बैठकर काम नहीं चलेगा...
दिवाली की शुभ कामनाये २
मिठाइयो का पर्व है, मीठा...
दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं
परिवार में सबके रहती है...
स्वप्न टूट गया
दुःख तो घना हुआ जब तेरा...