मित्रो मौहब्बत में दिल...
Month: September 2014
पूर्ण विराम लगाता हूँ
तूने बनाया यूँ मजबूर...
हिंदी की बात कर
गलत नहीं कोई पहनावा मगर...
ना बात करनी है
ना मुलाकात करनी है, ना बात...
किसको पड़ी है अपने देश की
देश में किसको पड़ी है अपने...
दोस्ती का हाथ
दोस्ती ही थी वो, या बस...
निवाला देखता हूँ
आज दिलो में अँधेरा और...
साथ चाहिए तुम्हारा
जन्नत से भी ज्यादा...
वो मेरी आँखों में
मीठे शब्दों की मिठास को...
हमसफ़र बनते हैं अजनबी
रिश्ते बनाने तो आसान है...